34 “लूण तो हव हे पण, यद्याँ लूण को हवाद बगड़ जावे, तो वींको हवाद पाछो कस्यान लायो जा सके हे।
“थाँ धरती का हाराई मनकाँ का वाते लूण हो, पण यद्याँ लूण को हवाद बगड़ जावे तो वो पाछो खारो ने बणायो जा सके हे। अन नेई वो कई कामे आवे हे पण वींने फेंक दिदो जावे, जणीऊँ वो मनकाँ का पगाँऊँ गुद्यो जावे।”
थाँकी बोली हरदाण दयाळू अन मिठी वे, ताँके थाँ जाण सको के, हाराई मनकाँ ने कस्यान जवाब देणो हे।