24 अन मूँ थाँकाऊँ कूँ हूँ के, ज्यो पेल्याँ नुत्या ग्या हा, वाँका मूँ एक भी जीमण में जीम ने सकी।’”
“ईं वाँते मूँ थाँकाऊँ केऊँ हूँ के, परमेसर को राज थाँकाऊँ ले लिदो जाई अन अस्या लोगाँ ने दे दिदो जाई, ज्यो वींकी राज का वाते हाक लाई।
“तद्याँ वणी आपणाँ नोकराऊँ क्यो, ‘ब्याव को जीमणो त्यार हे, पण जान्ये नुत्या हा, वीं बेकार निकळ्या।
पसे वणी मालिक क्यो, ‘नगर में अन खेता में बाड़ा-वुड़ी हारी जगाँ में जावो अन हरेक मनक ने हाता-जोड़ी करन अटे लावो ताँके मारो घर पूरो भर जावे।
जद्याँ लोगाँ की भीड़ ईसू का पाच्छे जारी ही तो ईसू पाच्छा फरन वाँने क्यो,
अन दण्ड को कारण ओ हे के, उजितो जगत में आयो। अन मनक अंदारा ने उजिताऊँ घणो रुपाळो जाण्यो, काँके वाँका काम बुरा हा।
ज्यो बेटा ऊपरे विस्वास करे हे, वो अनंत जीवन पावे हे, पण ज्यो बेटा की ने माने हे, वो जीवन ने कोयने पावे, पण वींपे परमेसर को कोप वेतो रेवे हे।”
ईसू पाछो एक दाण ओरी वाँने क्यो, “मूँ परो जाऊँ अन थाँ मने होदो, पण थाँ खुद का पाप मेंईस मरोगा। जटे मूँ जारियो हूँ, वटे थाँ ने आ सको।”
ईं वाते में थाँकाऊँ क्यो के, थाँ खुद आपणाँ पाप मेंईस मरो, काँके यद्याँ थाँ विस्वास ने केरो के, ‘मूँ वोईस हूँ’ तो थाँ थाँके खुद का पाप मेंईस मरो।”
पण पोलुस अन बरनबास बनाई दरप्या क्यो, “ओ जरूरी हे के, परमेसर का बचन सबऊँ पेल्याँ थाँने हूणावाँ, पण थाँकाणी वाँने नकारता तका खुद ने अमर जीवन जीबा के जोगा ने हमज्या। ईं वाते माँ अबे यहूदियाँ ने छोड़न जो यहूदी ने हे वाँका नके जारिया हा।