तद्याँ वाँ जान आपणाँऊँ ओरी हुगली हात आत्माने आपणाँ हाते ले आवे हे, अन वीं वींमें धसने वटे वास करे हे, अन वीं मनक की पाछली दसा पेल्याऊँ भी हुगली वे जावे हे। ईं जुग का हूँगला मनकाँ की दसा भी अस्यानीस वेई।”
कन थाँ वणा अठारा जणा का बारा में ज्याँका ऊपरे सिलोह को गुमट पड़्यो अन वीं दबन मरग्या, कई होचो हो के, वीं यरूसलेम में रेबावाळा हाराई मनकऊँ हेला पापी हा?