16 अन कई यो हव ने हो के, या लुगई ज्या अबराम की बेटी हे अन हुगली आत्मा अठारा वराऊँ लागी तकी हे, जिंने आराम का दन में अणी बन्धनऊँ छूड़ई हे।”
पछे ईसू वींने क्यो, “हे सेतान, छेटी वेजा। सास्तर यो केवे हे, “‘थूँ आपणाँ परबू परमेसर ने मान अन बेस वाँकीईस सेवा-चाकरी कर।’”
ईसू वाँने यो भी क्यो, “आराम को दन मनकाँ का वाते बणायो ग्यो हे, ने के, मनक आराम का दन का वाते।
तद्याँ वणी हाको करन क्यो, “ओ बापू अबराम, मारा पे दया करो।” लाजर ने खन्दावो ताँके, वो आपणी आँगळी ने पाणी में डबोन मारी जीब ने हीळी करे, काँके मूँ अणी वादी में तड़परियो हूँ।
तद्याँ ईसू वणीऊँ क्यो, “आज अणी घर में छुटकारो आयो हे, काँके अणी विस्वास करन ओ बता दिदो हो के, ओ भी अबराम की ओलाद हे।
थाँको वेवार अस्यो वेणो छावे के, थाँ मन फेर लिदो हे। थाँ आपणाँ-आपणाँ मना में यो मती होचो के, ‘आपीं अबराम का बंस का हा।’ मूँ थाँकाऊँ केऊँ हूँ के, परमेसर अणा भाटाऊँ अबराम का वाते ओलाद जण सके हे।
थाँको बाप तो सेतान हो अन थाँ वींकी मरजी ने पुरी करणा छावो हो। वो तो ठेटऊँ हत्यारो हो। वो कदी भी हाँच का आड़ी ने रियो, काँके वींमें हाँच कोयने हे, जद्याँ वो जूट बोले हे, तो आपणाँ हाव-भाव के तरिया बोले हे। काँके वो जूटो हे अन हरेक जूट को बाप हे।
ईं वाते भई-लोगाँ, अबराम की ओलादाँ अन थाँकामूँ परमेसरऊँ दरपबावाळा लोगाँ, बंचाबावाळो ओ सन्देसो आपणाँ वातेई खन्दायो ग्यो हे।
अन वीं चेतो लगान, सेतान का जाळऊँ बंच जावे, ज्यो वाँने आपणी मरजी मानबा का वाते पकड़न राके हे।