50 मने एक कल्डा बतिस्मा की टेम में वेन जाणो अन जद्याँ तईं ओ पूरो ने वे जावे, तद्याँ तईं मने आराम ने मली।
वाँकाणी आपणाँ पापाँ ने मान्याँ अन यरदन नंदी में यहुन्ने आपणाँ हाताऊँ वाँने बतिस्मो दिदो।
ईसू क्यो, “मूँ धरती पे वादी लगाबा ने आयो हूँ अन मूँ छावूँ हूँ? बेस, यो के, वादी अबाणूई लाग जावे।
पण ईसू पतरस ने क्यो, “आपणी तरवार म्यान में राक। ज्यो दुक को प्यालो मारा बापू मने दिदो हे, कई मूँ वींमूँ ने पीवूँ?”
अन पसे ईसू अंगूरा का रस चाक्या केड़े बोल्यो, “पूरो व्यो।” अन मातो नमान जीव छोड़ दिदो।
ईसू वाँने क्यो, “मारो खाणो ओ हे के, मूँ मने खन्दाबावाळा की मरजी पे चालूँ अन वींको काम पूरो करूँ, ज्यो वणी मने हुप्यो हे।
ईंका केड़े जद्याँ वींका भई तेवार में पराग्या, तो वो भी छानो-मानो वटे परोग्यो।
अबे देको, मूँ पुवितर आत्मा की आग्याऊँ यरूसलेम जारियो हूँ, मूँ ने जाणूँ के वटे मारा पे कई बीती।