35 “ज्यो कई भी काम आवे वींने करबा का वाते त्यार रेवो अन थाँका दिवा बळता रेवे।
वीं टेम ईसू क्यो, हरग को राज वीं दस कूँवारी छोरियाँ का जस्यान वेई जी आपणाँ दिवा लेन बींदऊँ मलबा गी।
अणी तरियाँ थाँको उजितो मनकाँ का हामे अस्यान चमके के, वीं थाँका हव कामाँ ने देके अन थाँका परमपिता की, ज्यो हरग में बिराजे हे, वींकी मेमा करे।”
अन थाँ वणा मनकाँ की तरिया बणो, जी आपणाँ मालिक की वाट नाळरिया वे के, वो ब्यावऊँ कदी घरे आई। जद्याँ अईन कँवाड़ वजाई, तो तरत वींका वाते खोल देवाँ।
ईं वाते हाँच का बेलपट्याऊँ आपणी कमर बाँदन, अन छाती को कवच पेरलो मतलब परमेसर का हामे सई करो,
ताँके थाँ ईं टेड़ी अन नसंगी हुगली पीड़ी का बचमें परमेसर का खरा, स्यवकार अन बना दोस का छोरा-छोरी वे जावो। थाँ अस्यी दनियाँ में तारा के जस्यान चमको,
ईं वाते थाँ थाँका मन ने बंस में राको अन खुद ने भी बंस में राको अन वीं वरदान की आस लगई तकी राको, ज्यो थाँने ईसू मसी परगट वेई, वीं दाण दिदो जाई।