जद्याँ मनक केरिया वेई के, “हारोई हव हे अन कई दरपणी ने हे,” वणी दाण एकदम परकोप आ पड़ी जस्यान जापा वाळी लुगई पे दुक वेवे हे। वीं कणी भी तरियाऊँ बंच ने सकी।
पण थाँ तो यो भी ने जाणो के, काले थाँका जीवन में कई वेई। देको, थाँको जीवन कई हे? थाँ तो वीं धुंध के जस्यान हो, ज्या थोड़ीक देर का वाते दिके हे अन पाच्छी परी जावे हे।