12 काँके पुवितर आत्मा थाँने हिकाई के, वणी टेम थाँने कई केणो हे।”
जद्याँ वीं थाँने पकड़ी तो थाँ आ चन्ता मती करज्यो के, थाँने कई केणो हे अन कस्यान केणो हे, काँके वीं टेम में थाँने पुवितर आत्मा बता देई के, थाँने कई केणो हे।
अन ओ आद राकज्यो बोलबावाळा थाँ कोयने, पण थाँको परम बापू परमेसर की आत्मा थाँकामें आन बोली।
पसे लोग-बागाँ की भीड़ मेंऊँ एक जणे ईसुऊँ क्यो, “ओ गरुजी, थाँ मारा भईऊँ केवो के, मारा बाप की धन-दोलत को बटवारो कर दे।”
मूँ थाँने अस्या बोल अन अकल देवूँ के, थाँका हाराई दसमण थाँको सामनो ने कर सकी अन थाँने रोक ने पाई।
तो पतरस का डिले पुवितर आत्मा आन वाँने क्यो, “ओ नेता अन बुड़ा-ठाड़ा लोगाँ,
पण, वो पुवितर आत्माऊँ मली तकी अस्यी अकल की बाताँ केतो के, वे वींका हामे ने आ सक्या।
पण, पुवितर आत्माऊँ भरियो तको इस्तीपनुस हरग दयने देक्यो अन वीं परमेसर की मेमा अन ईसू ने परमेसर का जीमणे पाल्डे ऊबो देक्यो।