जद्याँ ईसू थरप्या तका चेला का हाते मंगराऊँ उतरन छापर में आया, तद्याँ वटे वाँका चेला की मोटी भीड़ ही। अन वटे वाँने हुणबा अन आपणी बिमारियाँऊँ हव वेवा का वाते नरई मनक भेळा व्या, ज्यो सूर अन सेदा का समन्द कनाराऊँ अन यहुदया अन यरूसलेमऊँ आया हा। अन हुगली आत्माऊँ हताया तका लोग-बाग भी हव करिया जाता हा।
वणा ओ हुणन परमेसर की मेमा किदी, पछे वींऊँ क्यो, “हे भई, थूँ देकरियो हे के, यहूदियाँ मूँ करतईं हजार मनकाँ विस्वास किदो, अन हंगळाईं मूसा का नेमा का नेमा ने आका मनऊँ मानबावाळा हे।
पण ज्यो ग्यान हरगऊँ आवे हे वो हाराऊँ पेल्याँई तो पुवितर वेवे अन वींके केड़े सान्तीऊँ भरियो तको, सेण करबावाळो, बात मानबावाळो, दयाऊँ भरियो तको, हव फळवाळो अन बना पकसपात को अन बना कपट को वेवे हे।