47 थाँने धिकार हे, थाँ वणा परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा का वाते कबराँ बणावो हो, ज्याँने थाँका बड़ाबा मार नाक्या हा।
“हो कपटी, मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ, थाँने धिकार हे! थाँ आरास ढोळी तगी कबराँ का जस्यान हो ज्यो ऊपरेऊँ रुपाळी नजरे आवे हे, पण मयनेऊँ मरिया तका मनकाँ का हाड़क्या अन हारई तरिया की हुगली बाताँऊँ भरी तकी हे।
अस्यान करन थाँ ओ साबत करो हो के, थाँ आपणाँ बापदादा का कामाँऊँ राजी हो, काँके वणा तो वाँने मार नाक्या हा अन थाँ वाँकी कबराँ बणावो हो।
“इस्तीपनुस बोलतो ग्यो ओ अडीग लोगाँ, थाँको मन परमेसरऊँ कतरो छेटी हे, थें तो परमेसर का संदेसा ने मानोईस कोयने। थाँ आपणाँ बड़ाबा जस्यानीस हमेस्यान पुवितर आत्मा को विरोद किदो।
जणा मनकाँ परबू ईसू ने अन परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा ने मारिया अन आपाँने हताया हाँ, अणीऊँ परमेसर घणा नाराज हे, काँके वीं हाराई का विरोद में हे।