कन थाँ वणा अठारा जणा का बारा में ज्याँका ऊपरे सिलोह को गुमट पड़्यो अन वीं दबन मरग्या, कई होचो हो के, वीं यरूसलेम में रेबावाळा हाराई मनकऊँ हेला पापी हा?
काँकरा वाळी जगाँ का बीज वणा मनकाँ का जस्यान हे के, जद्याँ वी हुणे, तो वी आणन्द का हाते परमेसर की वाणी ने माने हे। पण वीं जड़ ने पकड़वा का मस थोड़ीक दाण विस्वास करे हे अन परक की दाण वी भाग जावे हे।
थाँ कदी भी अस्यी परिकसा में ने नाक्या जावो ज्याँ थाँके सेण करबाऊँ बारणे हे। परमेसर तो हाँचा हे। वीं थाँने थाँकी सेण करबा की तागतऊँ हेला परकबा ने देई अन थाँने परिकसा का हाते वणीऊँ बंचबा को गेलो भी बताई ताँके थाँ वींने सेण कर सको।
किंका पे थाँको ओळमो वे तो एक-दूँजा ने सेण करता तका अन एक-दूँजा ने माप कर दो। जस्यान परमेसर थाँने माप करे हे वस्यानीस थाँने भी एक-दूँजा ने माप करणा छावे।
जो दुक थने जेलणो हे वणीऊँ मती दरप, काँके सेतान थाँका मेंऊँ घणा ने परकबा का वाते जेल में नाक देई। थने वटे दस दनाँ तईं दुक जेलणो पड़ी, पण थूँ हाँचो रेज्ये पलई थाँरी मोत ईं कानी वे जावे। तो मूँ थने जुग-जुग का जीवन को मुकट देऊँ।