ईंपे ईसू वाँने क्यो, “थाँ अस्या लोग-बाग हो, जी मनकाँ का हामे आपणाँ खुद ने धरमी बतावे हे, पण परमेसर थाँका मन ने जाणे हे। मनक जिंने मोटा हमजे हे, वो परमेसर की देकणी में कई ने हे।
वाँकाणी या बात ईं वाते ने की के, वींने गरीबा की चन्ता ही। पण ईं वाते क्यो, काँके वो चोर हो। वाँका नके वाँके रिप्या की नोळी ही अन वो वींमेंऊँ रिप्या काड़ लेतो हो।
जद्याँ ईसू अन वींका चेला हाजकाँ की टेम में खाणो खारिया हा, वीं टेम समोन का पूत यहूदा इसकरियोती का मन में सेतान ईसू ने धोकाऊँ पकड़वाबा की बाताँ नाक दिदी ही।
ईं बात पे पतरस क्यो, “ए हनन्या, सेतान थाँरा मन में आ बात कस्यान ले आयो के, थूँ पुवितर आत्माऊँ जूट बोले अन जगाँ-जमीं का आया रिप्या-कोड़ीऊँ थोड़ाक बंचान आपणाँ नके राक ले।