तद्याँ वाँ जान आपणाँऊँ ओरी हुगली हात आत्माने आपणाँ हाते ले आवे हे, अन वीं वींमें धसने वटे वास करे हे, अन वीं मनक की पाछली दसा पेल्याऊँ भी हुगली वे जावे हे। ईं जुग का हूँगला मनकाँ की दसा भी अस्यानीस वेई।”
“ओ कपटी मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ, थाँने धिकार हे! थाँ एक जणा ने आपणाँ आड़ी लाबा का वाते रात-दन एक कर देवो हो। जद्याँ वो थाँका आड़ी आ जावे हे तो वींने आपणाँऊँ हेलो हुगलो बणा देवो हो।
जद्याँ कुई मनक खुद का भई ने अस्यान को पाप करतो देके, जिंको फळ अनंत मोत कोयने हे, पण वो परमेसरऊँ वींके वाते परातना करे तद्याँ परबू वींने मोत को दण्ड कोयने देई पण वाँकी परातना हुणन अनंत जीवन देई। पण मूँ वणा मनकाँ का वाते परातना करबा का वाते ने केऊँ, ज्यो अस्यान का पाप करे, जिंको फळ अनंत मोत हे।