17 पण, ईसू वाँका मन की बात ने जाणन क्यो, “जणी राज में फुट पड़ जावे हे, वो राज उजड़ जावे हे अन जणी घर में फुट पड़े हे, वो घर को नास वे जावे हे।
ईसू वाँके मन की बात जाणन वणाऊँ क्यो, “थाँ आपणाँ मना में खोटा बच्यार काँ लावो हो?
अन ईसू ने ईं बात की कई जरुरत ने हे के, कुई वाँने आन लोगाँ का बारा में बतावे, काँके लोगाँ का मना में कई चालरियो हे, वींने वो हव तरियाऊँ जाणतो हो।
मूँ वींका बाळकाँ ने मार देऊँ, तो हारी मण्डली ओ जाण जाई के, मूँ मन अन बदी जाणबावाळो हूँ। अन मूँ थाँ हाराई ने थाँका कामाँ के जस्यान बदलो देऊँ।