5 जणी घर में जावो। पेली केज्यो, ‘अणी घर में सान्ती मले।’
ईं वाते ने तो बटुवो अन नेई थेलो, नेई एक ओरी जोड़ी पगरख्याँ लो अन नेई गेला में कणीऊँ नमस्कार करबा का वाते रकज्यो।
जद्याँ वणी घर में कूण हव मनक वेई, तो थाँकी सान्ती वींने मली। ने वेई तो थाँकी सान्ती थाँका नके पाच्छी आ जाई।
तद्याँ ईसू वणीऊँ क्यो, “आज अणी घर में छुटकारो आयो हे, काँके अणी विस्वास करन ओ बता दिदो हो के, ओ भी अबराम की ओलाद हे।
थाँ ईं सन्देस ने जाणो हो, जो इजराएली लोगाँ का वाते खन्दायो ग्यो हे, जो हाराई को परबू ईसू मसीऊँ सान्ती मले हे, वीं हव हमच्यार की घोसणा हे।
वाँकाणी आन थाँने ज्यो छेटी हा अन वाँने ज्यो भड़े हा, मेल-मिलाप करबावाळो हव हमच्यार हुणायो।