4 ईं वाते ने तो बटुवो अन नेई थेलो, नेई एक ओरी जोड़ी पगरख्याँ लो अन नेई गेला में कणीऊँ नमस्कार करबा का वाते रकज्यो।
वणा आपणाँ बाराई चेला ने बलाया अन दो-दो जणा ने बारवास में खन्दाया। वणी वाँने हुगली आत्माने निकालबा को हक दिदो।
पसे ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “जद्याँ में थाँने बना बटवा, जोळी अन बना पगरख्याँ के खन्दाया हा। तो कई थाँने कणी भी बात की कमी वी?” वणा क्यो, “कणी भी बात की कमी ने वी।”