38 जद्याँ ईसू अन वींका चेला आपणाँ गेले जारिया हा। वी एक गाम में पूग्या। वटे मारता नाम की एक लगई वाँने आपणाँ घरे लेगी।
मूसा का नेम हिकाबावाळे क्यो, “वोईस जणी वींपे दया किदी।” ईसू वणीऊँ क्यो, “जा, थूँ भी वस्योईस कर।”
वणी दाण तरिया-तरिया की त्यारी करता तकी मारता घबरागी अन वाँ ईसू का नके आन बोली, “ओ परबू जी, कई थाँने चन्ता ने हे के, मारी बेन मने सेवा करबा का वाते एकलीई छोड़ दिदी हे। अणी वाते वणीऊँ क्यो, मारी मदत करे।”
परबू वींने क्यो, “मारता, ओ मारता, थूँ घणी बाताँ का वाते चन्ता करन घबरावे हे।
जदी वा लुगई अन वींका परवारवाळा हंगळा हाते बतिस्मो लिदो तो वणी माँकी मनवार किदी के, “यद्याँ थाँ मने परमेसर में विस्वास करबावाळी लुगई हमजो, तो अटूँ मारे हाते चालो अन मारे घरे रो।” जद्याँ तईं माँ राजी ने व्या, तद्याँ तईं वा मनवार करतिइस री।
अन यासोन वणा ने आपणाँ अटे राक मेल्या हे अन वीं हंगळाईं ओ केवे हे के ‘ईसू ही राजो हे’, अन राजा केसर की आग्या ने कोयने माने।”
अन यद्याँ कुई थाँका नके आन, आ हिक ने देवे, तो थाँ वीं मनक ने थाँका घर में मती आबा दो अन ने वींकी आवभगत करज्यो। अन वणीऊँ नमस्कार भी मती करज्यो।