36 ईसू वणीऊँ पूँछ्यो अबे वता, “थारी हमज में वणी अदमरिया तका मनक को वणा तीनामूँ पड़ोसी कूण हे?”
पतरस क्यो, “हाँ, देवे हे।” जद्याँ पतरस घरमें आयो, तो ईसू वाँके पूँछबा का पेल्याई वणीऊँ क्यो, “हे समोन, थूँ कई होच-बच्यार करे हे? धरती का राजा हाँसल किंकाऊँ लेवे हे? आपणाँ पूतऊँ कन परायाऊँ?”
“मसी का बारा में थाँ कई होचो हो? वो किंको पूत हे?” वाँकाणी वाँने जवाब दिदो, “दाऊद को।”
दूजे दन वणी दो चान्दी का रिप्या निकाळ वणी धरमसाला का मालिक ने दिदा अन वणीऊँ क्यो, ‘अणी की सेवा-चाकरी करज्ये अन ईंका ऊपरे थारो ज्यो भी खरचो ओरी लागी, पाच्छी आती दाण मूँ थने दे देऊँ।’”
मूसा का नेम हिकाबावाळे क्यो, “वोईस जणी वींपे दया किदी।” ईसू वणीऊँ क्यो, “जा, थूँ भी वस्योईस कर।”
जद्याँ वीं मूँळ पूँजी भी ने दे सक्या, तो वणी दुयाँ का करज माप कर दिदो। अबे थूँ बता, वाँका मूँ कूण वणीऊँ हेलो परेम करी?”