28 तद्याँ ईसू वणीऊँ क्यो, “थें बड़िया जवाब दिदो हे अन थूँ अस्यान करी तो, थूँ अनंत जीवन पाई।”
ईसू वींने क्यो, “थूँ मने हाँचो काँ केवे हे? हाँचो तो खाली परमेसरइस हे, पण यद्याँ थूँ अनंत जीवन पाणो छावे, तो वाँकी आग्या ने मान्याँ कर।”
जदी ईसू ओ देक्यो के, वो मनक पुरी हमजदारीऊँ जबाव दिदो, तो वणा क्यो, “थूँ परमेसर का राजऊँ घणो छेटी कोयने।” ईंका पछे कुई भी ईसुऊँ कस्योई सवाल पूँछबा की हिम्मत ने किदी।
समोन जवाब दिदो के, “मारा बच्यार में तो, वो जिंको हेलो करज माप किदो हे।” ईसू क्यो, “थें सई क्यो हे।”
मसी नेमा को अंत हे, ताँके ज्यो भी विस्वास करी, वीं हाराई परमेसर का वाते खरा बणे।
आपाँ जाणा हे के, नेम ज्यो कई केवे हे, वाँने केवे हे ज्यो नेमा का बंस में हे। अणीऊँ हाराई का मुण्डा बन्द किदा जा सके अन हारी दनियाँ परमेसर का दण्ड के जोगी वे।
अन मने पतो पड़ग्यो के, वो आदेस ज्यो जीवन देबा वाते हो, मारा वाते मोत लायो।
पण मूसा का नेमाऊँ विस्वास को कई रिस्तो कोयने, काँके सास्तर में लिक्यो तको हे के, “ज्यो नेमा ने मानी वो वींके भरोस्येईस जीवतो रेई।”