अन जदी ईसू निकळन गेला में जारिया हा, तो एक मनक वाँका आड़ी दोड़तो तको आयो, अन वाँका हामे गोडा टेकन क्यो, “ओ हाँचा गरुजी, अनंत जीवन पाबा का वाते मने कई करणो छावे?”
पछे एक मूसा का नेमा ने हिकाबावाळो आयो अन वणी ईसू ने बात-बच्यार करता तका हुण्यो। यो देकन के ईसू सदुकियाँ ने हव तरियाऊँ जवाब दिदो हे, तो वणी ईसुऊँ पूँछ्यो, “हारऊँ मोटी आग्या कई हे?”
काँके, मूँ थाँने बताणो छावूँ हूँ के, नरई राजा अन परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अणा बाताँ ने देकणी छाया, पण वीं देक ने सक्या अन ज्यो बाताँ थाँ हुणरिया हो वाँने वणा हूणणी छई, पण हुण ने सक्या।”