17 वी बोईतर चेला खुस वेन पाच्छा आया अन बोल्या, “ओ परबुजी, थाँका नामऊँ हुगली आत्मा भी माकाँ बंस में वे जावे हे।”
हाराई सिरिया देस में वाँको हव हमच्यार फेलग्यो। ईं वाते लोग अस्या हाराई मनकाँ ने ज्यो तरे-तरे की मांदकीऊँ माँदा हा, जणामें हुगळी-आत्मा, जाँने मरगी का जोला आता हा, अन जीं लकवा का माँदा हाँ, वाँने ईसू का नके लाया अन ईसू वाँने हव किदा।
ज्यो मारा पे विस्वास करी, वो अचम्बा का काम करी, वे मारा नामऊँ हुगली आत्माने बारणे काड़ी, अन वे नुवी-नुवी बोल्याँ बोली।
अणी बात का केड़े परबू बोईतर चेला ने त्यार किदा। ईसू जणी-जणी नगर, गाम ढाणी में जाबावाळो हो। वणामें दो-दो चेला ने आपणाँ पेल्या खन्दाया।
पण, ईं वातेईस राजी मती वेवो के, हुगली आत्मा थाँका बंस में हे, पण अणीऊँ खुस वेवो के, थाँको नाम हरग में लिक्यो ग्यो हे।”
वटा का माँदा मनकाँ ने हव करो अन वाँने केज्यो के, ‘परमेसर को राज थाँका बचमें आ पूग्यो हे।’
पसे ईसू आपणाँ बाराई थरप्या तका चेला ने एक हाते बलान वाँने हारी हुगली आत्मा अन मांदकी ने छेटी करबा की तागत अन अदिकार दिदो।
सान्ती देबावाळा परमेसर वेगोई सेतान ने थाँका पगा का रेटे नाक देई। आपणाँ परबू ईसू की दया थाँका पे वेवे।
जस्यान मण्डली मसी का केवा में रेवे हे, वस्यानीस लुगायाँ भी हारी बाताँ में आपणाँ-आपणाँ धणी का केवा में रेणी छावे।