ईसू क्यो, “खुराजीन अन बेतसेदा नगर का लोगाँ, थाँने धिकार हे, काँके जीं परच्या बताया ग्या, यद्याँ वीं सूर अन सेदा नगर में किदा जाता, तो वटे का मनक बोरी का गाबा पेरन अन आपणाँ सरीर पे वानी लगान कदी का पापऊँ मन फेर लेता।
ईं वाते हे न्याव करबावाळा पलई थूँ कुई भी वे, थाँरा नके कई आळको ने हे, काँके जणी काम का वाते थूँ किंने दूजाँ ने दोसी माने हे, वणीऊँस थूँ आपणाँ खुद ने भी दोसी केवाड़े हे, काँके जणा कामाँ को थूँ न्याव करे हे वाँने थूँ खुद भी करे हे।
थूँ जिंका नके नेम लिक्या तका हे अन थाँरो खतनो भी व्यो हे। अतरो व्या केड़े भी थूँ ज्यो नेमा ने तोड़े हे। ईं वजेऊँ वो मनक जिंको देह का हस्याबूँ खतनो ने व्यो हे अन ज्यो नेमा को पालण करे हे, वो थने गुनेगार ठेराई।