11 ‘थाँके नगर को धूळो जो माँके पगाँ पे लाग्यो हे वो माँ थाँका विरोद में थाँका हामे जाटक रिया हा। तद्याँ भी ओ आद राकज्यो के, परमेसर को राज थाँका का बचमें आ पूग्यो हे।’
जद्याँ कसी जगाँ का मनक थाँने ने माने अन थाँकी बात ने हुणे, तो थाँ वा जगाँ छोड़ दिज्यो अन आपणाँ पगाँ को धूळो वटेई जाटक दिज्यो, तद्याँ या बात वाँका वाते चेतावणी रेई के, वाँका नास को कारण वीं खुदईस हे।”
जणी नगर में थाँकी आवभगत ने वेवे, वटूँ निकळता तका आपणाँ पगाँ को धूळो वटेईस जाटक दिज्यो, ताँके ईं बात को वाँने पतो पड़ जावे के, वाँका नास को कारण वे खुदईस हे।”
पण पोलुस अन बरनबास बनाई दरप्या क्यो, “ओ जरूरी हे के, परमेसर का बचन सबऊँ पेल्याँ थाँने हूणावाँ, पण थाँकाणी वाँने नकारता तका खुद ने अमर जीवन जीबा के जोगा ने हमज्या। ईं वाते माँ अबे यहूदियाँ ने छोड़न जो यहूदी ने हे वाँका नके जारिया हा।
वो बेटो परमेसर की मेमा को उजितो हे अन जस्यान परमेसर का लकण हे, वस्यानीस वींका भी लकण हे। वो हारी चिजाँ ने आपणाँ जबरा बचनाऊँ हमाळी राके हे। मनकाँ का पापाँ ने माप करन वो हरग में जान मेमामय परमेसर का जीमणे पाल्डे बेटग्यो हे।