62 तद्याँ वणा वींका बाप का आड़ी हानी करन क्यो के, “वीं ईंको नाम कई देणो छावे हे?”
जद्याँ वो बारणे आयो, तो वो बोल ने सक्यो तो वे हमजग्या के, वणी मन्दर में किंकाई दरसण किदा हे। वो हातऊँ हानी करतो रियो अन बोबड़ो वेग्यो।
तद्याँ मनकाँ वींकाऊँ क्यो, “थाँरा परवार में ओ नाम तो किंको भी ने हे।”