50 वाँको मान करबावाळा पे वाँकी दया पिड़ीऊँ पीड़ी रेवे हे।
काँके, वीं सामरतवान परमेसर मारा वाते मोटा-मोटा काम किदा हे अन वाँको नाम पुवितर हे।
तद्याँ पाच्छी वीं गादीऊँ अवाज अई, “हो मनकाँ थाँ ज्यो परमेसरऊँ दरपो हो थाँ पलई फोरा वो पलई मोटा वींकी जे-जेकार करो।”