अन ईसू वाँने आग्या दिदी, पछे वीं हुगली आत्मा वीं मनकऊँ निकळन वाँ गडूरा की टोळी में धसगी अन वाँ टोळी, जिंमें दो हजार के, लगे-भगे गडूरा हा, ज्यो मंगरा का ढाळऊँ पड़ता-गुड़ता समन्द में पड़न डुबग्या।
परबू थाँकाऊँ हाराई मनक दरपता रेई। हाराई मनक थाँको नाम लेन जे-जेकार करी, काँके खाली थाँईस पुवितर हो। हारी जात्या का मनक थाँका नके भेळा व्या हे वीं थाँकी भगती करी। काँके थाँका किदा तका काम हामे हे, अन हो परबू थाँ ज्या भी करो हो, वो न्याव हे।”