हाँचा खतनावाळा तो आपींइस हा काँके परमेसर की आत्माऊँ वींकी भगती आपींइस करा हाँ अन आपीं आपणो भरोसो दिकबावाळा रिति-रिवाज पे ने पण ईसू मसी पे मेपणो राका हाँ।
अन जद्याँ थाँ वींने देक्यो ने हे, तो भी थाँ वाँकाऊँ परेम करो हो अन अबाणू भी वींने ने देक पारिया हो, तो भी थाँ वींपे विस्वास करन अस्यान राजी-खुसी वेवो हो के, जिंको बखाण ने किदो जा सके हे, जो मेमाऊँ भरियो तको हे।