36 अन देक, थाँरा परवार की एलीसिबा के भी भुढापा में बेटो जनम लेबावाळो हे। ज्या बाँजड़ी वाजती ही, अबाणू वींके छटो मीनो हे।
हरग-दुत वींने क्यो के, “पुवितर आत्मा थाँरा डिले आई अन परम परदान की तागत थाँरा ऊपरे वेई। ईं वाते जनम लेबावाळो पुवितर बाळक परमपिता परमेसर को पूत वाजी।
काँके परमेसर के वाते कस्यो भी काम अबको कोयने हे।”
यहूदियाँ के राजा हेरोदेस की टेम में मन्दर में सेवा-चाकरी करबावाळा समाज को अबिया पीड़ी मेंऊँ एक जकरय्या नाम को एक सेवा करबावाळो याजक हो अन वींकी लुगई को नाम एलीसिबा हो, वाँ हारून का बंस की ही।
विस्वासऊँ जद्याँ सारा बाँज ही तद्याँ भी वाँ भूड़ापाँ में गरबवती वीं, काँके वणा वादो करबावाळा परमेसर ने विस्वास जोगा मान्यो।