29 ओ हामळन वा घबरागी अन होचबा लागी के, “ईंको मतलब कई हे?”
वीं एक-दूजाऊँ केबा लागा, “आपीं रोट्याँ ने लाया ईं वाते वो अस्यान केवे हे।”
अन जकरियो वींने देकन दरपन घबराग्यो। अन वींका में कल्ड़ी दरप भरईगी।
अन हरग-दुत वींका नके परगट वेन क्यो, “राजी वे, परबू की दया थाँरा पे वीं हे अन वीं थाँरा लारे हे।”
हंगळा हूँणबा वाळा आपणाँ मना मेंईस बच्यार करन क्यो, “ओ बाळक कस्यो वेई?” काँके परबू को हात ईंका पे हे।
पण, मरियम अणा हंगळी बाताँ आपणाँ मन में राकन होचबा लागी।
तो पसे वो वाँका हाते नासरत में पाछो आयो अन वाँकी आग्या को पालण करतो रियो। वींकी बई अणा हारी बाताँ ने आपणाँ मनईंमन में राकी।
पतरस जो दरसावो में देक्यो हो, वींका वाते वो होचरियो हो, जद्याँई कुरनेल्युस का खन्दाया तका मनक पतो पूँछता तका बारणा पे आग्या।
तो कुरनेल्युस दरपतो तको ध्यानऊँ हरग-दुत ने देकतो तको बोल्यो, “ओ परबू, कई हे?” हरग-दुत वींने क्यो, “परमेसर थारी परातना हूणी हे अन थाँरा किदा तका दान-पनऊँ परमेसर राजी वेग्या हे।