25 वणी क्यो, “अबे आकरी में परबू मारा पे दया किदी अन लोगाँ का हामेंऊँ मारी बेजती छेटी किदी हे।”
पण, हरग-दुत वींने क्यो, “जकरय्या दरपे मती। काँके, थारी परातना परमेसर हूँण लिदी हे। ईं वाते थाँरी घरवाळी एलीसिबा एक बेटा ने जणी। वींको नाम यहुन्नो राकज्ये।
थोड़ाक दनाँ केड़े एलीसिबा गरबवती वीं अन पाँच मिना तईं वणी ईं बात ने हपई राकी।
विस्वासऊँ जद्याँ सारा बाँज ही तद्याँ भी वाँ भूड़ापाँ में गरबवती वीं, काँके वणा वादो करबावाळा परमेसर ने विस्वास जोगा मान्यो।