23 जद्याँ वींकी सेवा-चाकरी का दन पूरा व्या, तो वो आपणाँ घरे परोग्यो।
जद्याँ वो बारणे आयो, तो वो बोल ने सक्यो तो वे हमजग्या के, वणी मन्दर में किंकाई दरसण किदा हे। वो हातऊँ हानी करतो रियो अन बोबड़ो वेग्यो।
थोड़ाक दनाँ केड़े एलीसिबा गरबवती वीं अन पाँच मिना तईं वणी ईं बात ने हपई राकी।