थाँको बाप तो सेतान हो अन थाँ वींकी मरजी ने पुरी करणा छावो हो। वो तो ठेटऊँ हत्यारो हो। वो कदी भी हाँच का आड़ी ने रियो, काँके वींमें हाँच कोयने हे, जद्याँ वो जूट बोले हे, तो आपणाँ हाव-भाव के तरिया बोले हे। काँके वो जूटो हे अन हरेक जूट को बाप हे।
पण थाँ आपणाँ गाटा अन कदी पछतावो ने करबावाळा मन के वजेऊँ परमेसर का गुस्सा ने आपणाँ वाते त्यार कररिया हो। वो गुस्सो थाँरा पे वीं दन पड़ी जदी परमेसर को हाँचो न्याव परगट वेई।
काँके परमेसर वणा हरग दुताँ ने जी पाप करिया हा, वाँने भी ने छोड़्या अन वाँने पाताळ में अंदारा की कोटड़ी में नाक दिदा हे, ताँके वीं न्याववाळा दन तईं वटे पड़्या रे।
ईं मनक आपणाँ बुरा का जस्यान फेलाई, जस्यान तोफान की लेराऊँ समन्द जाग फेके हे। ईं अस्यान का तारा हे जी एक जस्यान ने चाले हे, ज्याँका वाते जुग-जुग तईं बळबा वाते वादी बणईगी हे।
अन वीं सेतान ने ज्यो वाँने भरमातो हो, वीं वादी का कुण्ड में जिंका में वीं डरावणा जनावराने अन वींका जूटी आगेवाणी करवावाळा नाक्या ग्या हा, वींने भी नाक दिदो जाई, जिंमें वीं हमेस्यान दन रात तड़पता रेई।