41 ईसू वाँने क्यो, “यद्याँ थाँ आन्दा वेता तो पापी ने वेता, पण अबे केवो हो के, ‘माँ देका हा,’ ईं वाते थाँको पाप बण्यो रेवे हे।”
वी दास जी आपणाँ मालिक की मरजी ने जाणे हे अन त्यार ने रिया अन ने वींकी मरजी का जस्यान चाल्या, वी घणी बुरी तरिया मारिया जाई।
मूँ थाँकाऊँ हाँची केवूँ हूँ के, परमेसर की नजराँ में वो फरीसी ने पण लगान लेबावाळो धरमी ठेरायो ग्यो अन घरे ग्यो, काँके ज्यो कूण आपणाँ खुद ने मोटो मानी, वो फोरो किदो जाई अन जी आपणाँ खुद ने फोरो मानी, वो मोटो बणायो जाई।”
जद्याँ आपाँ हाँचो ग्यान लेबा का केड़े भी जाणता तका पाप करता रेवा हाँ, तो पाप ने धोवा का वाते कस्योई बलीदान ने बच्यो हे।
अन जो मनक भलई करणो जाणे हे, पण ने करे, तो वो पाप करे हे।