36 वणी मनक क्यो, “हो मालिक, मने बतावो वो कूण हे, ताँके मूँ वींका ऊपरे विस्वास करूँ।”
“कई ज्यो आबावाळो हो वो थूँईस हे कन माँ कणी दूजाँ की वाट नाळा?”
ईसू पाच्छा फरन वाँने पाच्छे आवता तका देकन वणाऊँ क्यो, “थाँ कई होदरिया हो?” तो वणा क्यो, “हो गरुजी, थाँ कटे रेवो हो?”
ईसू वणी मनकऊँ क्यो, “थें वींने देक्यो भी हे, अन ज्यो अबाणू थाँराऊँ बात कररियो हे, यो मनक वोईस हे।”
पण ज्यो वींपे विस्वास ने करे, वीं वींको नाम कस्यान लेई? अन जणा वींके बारा में हुण्यो भी ने हे, वीं वींपे विस्वास कस्यान करी? अन जद्याँ तईं वाँने कुई उपदेस देबावाळो ने वेवे तो वीं कस्यान हुण सकी?