अन मनक यो केन वींपे दोस लगाबा लागा के, “माँ ईंने लोग-बागाँ ने भटकातो तको पकड़्यो हे। यो राजा केसर ने हाँसल जमा करबा का वाते नटे हे अन यो आपणाँ खुद ने राजा मसी केवे हे।”
तद्याँ ईसू मन्दर में हिक देता तका जोरऊँ क्यो, “थाँ केवो हो के, थाँ हाँची में मने जाणो हो अन यो भी जाणो हो के, मूँ कटा को हूँ। मूँ खुद आपणाँ आड़ीऊँ ने आयो, पण मने खन्दाबावाळो हाँचो हे। वींने थाँ ने ओळको हो।
ईसू वाँने क्यो, “मूँ मारी गवई पलई देवूँ, पछे भी मारी गवई मानबा जोगी हे, काँके मूँ जाणूँ हूँ के, मूँ कटाऊँ आयो हूँ अन कटे जाऊँ। पण थाँ ने जाणो हो के, मूँ कटाऊँ आयो हूँ अन कटे जाऊँ।
अणी पे कुई फरीसी केबा लागा, “जणी मनक यो किदो हे वो मनक परमेसर का आड़ीऊँ ने हे, काँके वो आराम का दन का नेमाने ने माने हे।” दूजाँ क्यो, “पापी मनक कस्यान अस्या परच्या बता सके हे?” अणी बात पे वाँका में आपस में फुट पड़गी।
पण परमेसर की मदतऊँ मूँ आज तईं रियो हो अन फोरा-मोटा हंगळा का हामे गवई देरियो हूँ, अन वणा बाताँ के छोड़न दूजी बाताँ ने केऊँ, जो परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन मूसे की हे जीं पुरी वेबावाळी हे,
“जीं मूसा ने वाँकाणी ओ केन नकार दिदो, ‘थने कूण माकाँ पे राज करबावाळो अन पटेल बणायो हे?’ वींनेईस परमेसर राज करबा अन छुड़ाबावाळो बणान वीं हळगता तका झाड़ में दरसावो दिदा तका हरग-दुत की मदतऊँ खन्दायो।