23 ईं वाते वींका बई-बापू क्यो, “वो हमजणो हे, वणीऊँ थाँ पुछ लो।”
पण माँ यो ने जाणा हाँ के, अबे यो कस्यान देके हे अन ने यो जाणा हाँ के, कणी ईंकी आक्याँ खोली। अणीऊँ पूछी लो, यो तो अबे हमजदार वेग्यो हे। आपणाँ बारा में यो खुद बता सके हे।”
तद्याँ वाँकाणी वीं मनकऊँ ज्यो आंदो हो, दूजी दाण बलान क्यो, “हव वेग्यो ईं वाते, परमेसर को गुणगान कर वींको ने, काँके माँ तो यो जाणा हाँ के, वो मनक पापी हे।”