14 जणी दन ईसू धुळा ने आलो करन वींकी आक्याँ खोली ही, वो सबत को दन हो।
अस्यान व्यो के, आराम के दन ईसू खेता में वेन जारिया हा, अन जाता-जाता वाँका चेला खेताँऊँ गव की ऊम्याँ तोड़बा लागा।
एक दाण आराम का दन फरीसियाँ मूँ कणी खास फरीसी का घरे ईसू खाणो खाबा का वाते ग्या अन वीं मनक वाँने पकड़बा का मोका की वाट नाळरिया हा।
ईं वाते यहूदी मनक वाँने हताबा लागा, काँके ईसू यो काम आराम का दन में किदो हो।
अन वो मनक तरत हव वेग्यो, अन आपणो कुतल्यो उठान चालबा-फरबा लागो। यो दन सबत को दन हो।
पछे लोग-बाग वींने ज्यो पेलाँ आंदो हो, फरीसियाँ का नके लेग्या।
ओ केन ईसू जमीं पे थूँक्यो अन वणी थुकऊँ धुळा ने आलो किदो, अन वो धूळो वीं आंदा की आक्याँ पे लगान,