वणी जवाब दिदो, “ईसू नाम को एक मनक धूळो आलो करन मारी आक्याँ पे लगायो अन माराऊँ क्यो, ‘सिलोह का कुण्ड में जान धोई ले।’ तो मूँ ग्यो अन जस्यानी में धोयो तो देकबा लागो।”
पण माँ यो ने जाणा हाँ के, अबे यो कस्यान देके हे अन ने यो जाणा हाँ के, कणी ईंकी आक्याँ खोली। अणीऊँ पूछी लो, यो तो अबे हमजदार वेग्यो हे। आपणाँ बारा में यो खुद बता सके हे।”