1 जद्याँ ईसू जारिया हा, तो वणा एक मनक ने देक्यो, ज्यो जनम को आंदो हो।
अन दो आन्दा, ज्यो गेला का कनारा पे बेटा हाँ, ओ हामळन के, ईसू जारिया हे, तो हाका-भार मेलन केबा लागो, “हो परबू, दाऊद का वस, माकाँ पे दया कर।”
जद्याँ ईसू वटूऊँ आगे जाबा लागो, तो दो आन्दा वाँका पाच्छे वेग्या अन केबा लागा, “हे दाऊद का पूत, माकाँ पे दया करो।”
जदी ईसू वींका बापू ने पूँछ्यो, “यो अस्यान कतराक दनाऊँ हे?” बापू जबाव दिदो, “यो बाळपणाऊँ अस्यान हे।”
अन वाँका मूँ एक लुगई ही जिंके बारा सालऊँ परदा को रोग हो, अन जणी आपणी हारी धन-दोलत वेदऊँ एलाज करबा में खरच कर नाकी, तद्याँ भी वींके आराम ने पड़्यो हो।
वटे एक मनक हो, ज्यो अड़तीस वराऊँ मांदो हो, वो वटेईस पड़्यो तको हो।
ईं बात पे वणा ईसू ने मारबा के वाते भाटा हाताँ में ले लिदा, पण वो छानेकूँ मन्दरऊँ बारणे निकलग्यो।
ईसू का चेला वाँकाऊँ पूँछ्यो, “हो गरुजी, किंका पाप का मस यो आंदो जनम्यो, ईं मनक का कन पछे ईंका बई-बापू के पाप का मस?”
लुस्त्रा नगर में एक मनक जनमऊँ लंगड़ो हो, जो कदी ने चाल्यो हो
जद्याँ वटा का रेबावाळा मनक वींका हात पे हाँप पळेट्यो तको देक्यो तो एक-दूजाऊँ क्यो, “हाँची में ओ मनक हत्यारो हे, समन्द में तो ओ बंचग्यो पण न्याव ईंने जीवतो ने रेवा देई”
जीं मनक पे आ करपा व्यी ही, वींकी उमर चाळी वराऊँ हेली ही।
वटे वींने एन्यास नाम को एक मनक मल्यो, जो आट वराऊँ खुतलियाँ पे पड़ग्यो हो, जिंने लकवो वेग्यो हो।