59 ईं बात पे वणा ईसू ने मारबा के वाते भाटा हाताँ में ले लिदा, पण वो छानेकूँ मन्दरऊँ बारणे निकलग्यो।
पछे फरीसी वटूँ पराग्या अन ईसू ने मारबा को गेलो होदबा लागा।
वणीस दाण वाँकी आक्याँ खलगी अन वणा वींने ओळक लिदो हो, पण वो वाँकी आक्याँ आगेई खुवाग्यो।
ईंका केड़े ईसू वणा यहूदी मनकाँ में खुला में ने फर सक्यो, पण वटाऊँ ईप्राईम नगर का नके हुन्ना काकड़ का भड़े की ढाणी में परोग्यो अन आपणाँ चेला की लारे वटे रेवा लागो।
चेला वाँकाऊँ क्यो, “हो गरुजी, थोड़ाक दन पेल्याँ तो वटे यहूदी मनक थाँका पे भाटा फेकणा छारिया हा, तद्याँ भी थाँ पाच्छा वटे काँ जाणा छारिया हो?”
जद्याँ तईं उजितो थाँका लारे हे, उजिता में विस्वास करो। अणीऊँ थाँ उजिता का मनक बणो।” ईं बाताँ केन ईसू पराग्या अन खुद वाँकाऊँ हपन रिया।
पिलातुस वाँने क्यो, “थाँ ईंने ले जावो अन आपणाँ नेमा के हस्याबूऊँ न्याव करो।” यहूदी लोगाँ वींने क्यो, “माँने यो हक ने हे के, किंने मोत को दण्ड देवा।”
पण वो ज्यो हव वेग्यो हो, वो ने जाणतो हो के, “वो कूण हे।” काँके वणी जगाँ नरई भीड़ वेबाऊँ ईसू पराग्या हा।
जद्याँ ईसू जारिया हा, तो वणा एक मनक ने देक्यो, ज्यो जनम को आंदो हो।
ईं बात पे वाँकाणी हाका-भार करन आपणाँ कान्दड़ा में आँगळी दे दिदी अन पछे वे हारई जणा एक लारे वींपे टूट पड़्या।