46 थाकामूँ कुई भी मारा पे पाप को दोस ने लगा सके हे? यद्याँ मूँ हाँच बोलूँ हूँ, तो थाँ मारा पे विस्वास काँ ने करो हो?
बतावो यहुन्ना को बतिस्मो कटेऊँ आयो? हरग का आड़ीऊँ कन मनकाँ की आड़ीऊँ?” तद्याँ वीं एक-दूजाऊँ केबा लागा, “यद्याँ आपाँ केवा ‘हरग का आड़ीऊँ,’ तो वो आपाऊँ केई, ‘पच्छे थाँ वींपे विस्वास काँ ने किदो?’
वीं एक-दूजाऊँ बात-बच्यार करबा लागा, “आपाँ कई केवाँ? जदी आपीं ओ केवाँ के, ‘ओ हक वींने परमेसरऊँ मल्यो हे’, तो पछे वो केई, ‘थाँकाणी यहुन्ना पे विस्वास काँ ने किदो?’
“मूँ अबे थाँकाऊँ ओरी बाताँ ने कर सकूँ हूँ, काँके अणी दनियाँ का हाकम सेतान आवे हे। ईंको मारा पे कई हक ने हे।
यद्याँ थाँ मारी आग्या मानो, तो मारा परेम में बण्या रेवो जस्यान के, मूँ आपणाँ बाप की आग्या मानी हे अन वाँका परेम में बण्या रेवूँ हूँ।
जद्याँ वो आई तो वो साबत करी के, पाप, धारमिकता अन परमेसर का न्याव का बारा में दनियाँ का लोगाँ की होच गलत हे।
पिलातुस वींने क्यो, “तो कई थूँ राजा हे?” ईसू वींने क्यो, “थूँ केवे हे के, मूँ राजा हूँ। में ईं वाते जनम लिदो अन ईं वाते दनियाँ में आयो हूँ के, हाँच की गवई दूँ अन ज्यो कुई हाँचो हे, वो मारो बचन हुणे हे।”
ज्यो परमेसर को हे, वो परमेसर की बाताँ हुणे हे। थाँ ईं वाते ने हुणो हो, काँके थाँ परमेसर का ने हो।”
जद्याँ वीं वाँकाऊँ पूँछता रिया, तो वो हुदो ऊबो वेन वाँकाऊँ क्यो, “थाँका मेंऊँ कणी पाप ने किदो वे, वो पेल्याँ ईंके भाटा की ठोको।”
अन जणी कदीई पाप ने किदो वींने परमेसर आपणाँ पापाँ का वाते बली बणायो जणीऊँ आपाँ परमेसर का हामे सई मान्याँ जावाँ।
काँके आपणाँ नके ज्यो मायाजक हे, वो अस्यो ने हे ज्यो आपणी कमजोरी ने मेसूस ने कर सके। वो हारी बाताँ में आपणे जस्यान परक्यो ग्यो अन बना पाप को निकळ्यो।
अस्या मायाजकइस आपणी जरूत ने पुरी कर सके हे, जी पुवितर हे, बना दोस का वेवे, सुद वे, पापी मनकाँऊँ अलग हे, हरगऊँ भी ऊँचे उटायाग्या वेवे।
सास्तर में लिक्यो तको हे के, “वणी कई पाप ने किदो हो अन नेई वाँका मुण्डाऊँ धोका की बाताँ निकळी।”