45 पण मूँ हाँच बोलूँ हूँ, ईं वाते थाँ मारा ऊपरे विस्वास ने करो हो।
पिलातुस वींने क्यो, “तो कई थूँ राजा हे?” ईसू वींने क्यो, “थूँ केवे हे के, मूँ राजा हूँ। में ईं वाते जनम लिदो अन ईं वाते दनियाँ में आयो हूँ के, हाँच की गवई दूँ अन ज्यो कुई हाँचो हे, वो मारो बचन हुणे हे।”
या दनियाँ थाँकाऊँ नपरत ने राके हे, पण माराऊँ नपरत राके हे, काँके मूँ वाँका विरोद में केऊँ के, वाँका काम बुरा हे।
थाकामूँ कुई भी मारा पे पाप को दोस ने लगा सके हे? यद्याँ मूँ हाँच बोलूँ हूँ, तो थाँ मारा पे विस्वास काँ ने करो हो?
तो कई मारे हाँच बोलवाऊँ मूँ थाँको दसमण बणग्यो हूँ?