थाँका बारा में मने घणी बाताँ करणी हे अन थाँने सजा देबा का वाते भी घणी बाताँ हे पण मने खन्दाबावाळो हाँचो हे अन ज्यो में वणीऊँ हुण्यो हे वोईस मूँ दनियाँ ने केवूँ हूँ।”
तो वो अजगर वीं लुगई पे गुस्सा में आग्यो, अन वो वीं लुगई का वाँ मनकाँ पे जी परमेसर की आग्या मान्याँ करता हा अन ईसू मसी की गवई देता हा वाँकाऊँ लड़बा का वाते निकळग्यो।
वणी आपणाँ पूँछऊँ फळेटो मारन आकासऊँ एक तीहाई तारा ने रेटे फेंक दिदा। अन वो वीं लुगई का हामे ज्या बाळक जनमबा वाळी ही ऊबो वेग्यो जणीऊँ जद्याँ वाँ बाळक जनमे तो वो वींने निगळजा।