मूँ थाँकाऊँ हाँची केवूँ हूँ के, आकास अन धरती टळ सके हे, पण मूसा का नेमा में लिक्या तका हरेक अकर अन सबद तद्याँ तईं बण्या तका रेई जद्याँ वीं पूरा ने वे जावे।”
कई थाँने ओ ने पतो कई, जद्याँ थाँ किंका हाताँ में खुद ने दास का जस्यान हूँपो हो, तो थाँ वाँकी आग्या मानबा का वाते वाँका दास हो। तो पछे पलई थाँ पाप का दास बणो ज्यो मोत का आड़ी ले जावे हे अन पलई आग्या मानबावाळा बणो, ज्याँ थाँने धारमिकता का आड़ी लेजाई।
काँके आपाँ ओ जाणा हा के, आपाँ आपणो पुराणो जीवन ईसू का हाते हूळी पे चढा दिदो हो, ताँके पापऊँ भरी आपणी देह नास वे जावे। अन आपाँ आगे पाप का दास ने बण्या रे सका।
मूँ आपणाँ परबू ईसू मसीऊँ परमेसर को धन्नेवाद करूँ हूँ। काँके मूँ ईं हाड़क्या माँस की देह में पाप को दास हूँ, पण मूँ मारी अकलऊँ परमेसर का नेमा को दास हूँ।
थाँ पेल्याँ दनियाँ का हूँगला नेमा पे चालता हा। अन वीं वादळा की आत्मिक सगत्याँ का राजा ने मानता हा, ज्यो आत्मा लोगाँ ने अबे परमेसर को मान ने करबा का वाते मजबूर करती ही।
काँके मसी ने मानबाऊँ पेल्याँ आपाँ भी बना ग्यान का, केणो ने मानबावाळा, भटक्या तका अन हरेक तरियाँ की मो-माया का गुलाम हाँ। आपणो जीवन बुरई अन मेपणाऊँ भरियो हे। अन आपाँ एक-दूजाऊँ दसमणी राकता हाँ।