33 ईं वाते वणा ईसुऊँ पूँछ्यो, “माँ अबराम की बंस हा, माँ कदी भी किंका गुलाम ने रिया। तो थूँ ओ कस्यान के सके हे के, ‘थाँ आजाद वे जावो’?”
अन आपणाँ-आपणाँ मन में यो ने होचो के, ‘आपीं अबराम का बंसज हा’ काँके, मूँ थाँकाणी केवूँ हूँ के, परमेसर अबराम का वाते अणा भाटाऊँ भी बाळक पेदा कर सके हे।
थाँको वेवार अस्यो वेणो छावे के, थाँ मन फेर लिदो हे। थाँ आपणाँ-आपणाँ मना में यो मती होचो के, ‘आपीं अबराम का बंस का हा।’ मूँ थाँकाऊँ केऊँ हूँ के, परमेसर अणा भाटाऊँ अबराम का वाते ओलाद जण सके हे।
ईसू की हूळी का भड़े वींकी बई, वींकी मासी, क्लोपास की घरवाळी मरियम अन मरियम मगदलीनी ऊबी ही।
मूँ जाणूँ हूँ के, थाँ अबराम की बंसज हो। पछे भी थाँ मने मारबा की ताक में रेवो हो, काँके थाँ मारी हिकने ने मानो हो।
वाँकाणी ईसुऊँ क्यो, “माँ अबराम की ओलाद हा।” ईंपे ईसू वाँने क्यो, “यद्याँ थाँ अबराम की ओलाद वेता, तो अबराम के जस्यान काम करता।
थाँ मारी हिकने काँ ने हमजो हो? ईंको कारण योईस हे के, थाँ मारी बाताँने ने हुणो हो।
अन ने ईं अबराम का वंसज का वेबा की वजेऊँ वीं अबराम की ओलाद हे। पण जस्यान परमेसर अबरामऊँ क्यो हे के, “थाँरो बंस इसाकऊँ बड़ी।”