23 ईंपे ईसू वाँने क्यो, “थाँ ईं धरती का हो पण मूँ ने हूँ, मूँ ऊपरे हरगऊँ आयो हूँ। थाँ अणी दनियाँ का हो, पण मूँ अणी दनियाँ को ने हूँ।
अन बचन देह रूप धारण लिदो अन दया अन हाँचऊँ भरियो-पुरयो वेन आपणाँ बचमें वास किदो। आपाँ वींकी अस्यी मेमा देकी, या बापू परमेसर का एकाएक बेटा की मेमा ही।
में थाँको बचन वाँने दिदो, अन दनियाँ वाँकाऊँ दसमणी किदी, काँके जस्यान मूँ दनियाँ को ने, वस्यान वीं भी दनियाँ का कोयने हे।
जस्यान मूँ दनियाँ को ने हूँ, वस्यानीस वीं भी दनियाँ का ने हे।
अन कुई भी हरग में ने ग्यो, बेस वो मनक को पूत ज्यो हरगऊँ उतरियो हे।
“ज्यो ऊपरेऊँ आवे हे वो हाराऊँ मोटो हे। ज्यो धरतीऊँ आवे हे वो धरती को हे अन वो धरती किइस बाताँ करे हे। ज्यो हरगऊँ आवे हे, वो हाराई का ऊपरे हे।
हो कुकरमी लोगाँ, कई थाँ ओ ने जाणो हो के, ईं दनियाऊँ भईच्यारो राकणो परमेसरऊँ दसमणी राकणी वेवे हे? ईं वाते जो दनियाऊँ भईच्यारो राके हे, वो खुद ने परमेसर को दसमण बणावे हे।