तो जद्याँ में क्यो के, मूँ परमेसर को बेटो हूँ। तो थाँ क्यो, ‘मूँ परमेसर की नन्दयाँ करूँ हूँ।’ पण मूँ तो वोईस हूँ, जिंने परमेसर चुणन ईं दनियाँ में खन्दायो हे।
काँके ज्यो बचन थाँ मने दिदो, में वाँने वोईस बचन दिदो। अन वणा वींको विस्वास किदो। अन वीं ईं हाँच ने जाण लिदो हे के, मूँ थाकी आड़ीऊँ आयो हूँ, अन विस्वास कर लिदो हे के, थाँईस मने खन्दायो हे।
पिलातुस वींने क्यो, “तो कई थूँ राजा हे?” ईसू वींने क्यो, “थूँ केवे हे के, मूँ राजा हूँ। में ईं वाते जनम लिदो अन ईं वाते दनियाँ में आयो हूँ के, हाँच की गवई दूँ अन ज्यो कुई हाँचो हे, वो मारो बचन हुणे हे।”
ईसू वाँने क्यो, “यद्याँ परमेसर थाँको बाप वेतो, तो थाँ माराऊँ भी परेम करता, काँके मूँ परमेसर का आड़ीऊँ आयो हूँ अन अटे हूँ। मूँ मारी मरजीऊँ ने आयो, पण मने वणा खन्दायो हे।
मूँ बेण्डा मनक का जस्यान बतारियो हूँ पण अस्यान करबा वाते थाँईस मारा ऊपरे जोर दिदो हे। जद्याँ के, मूँ तो कई भी ने हूँ पण थाँ तो मारी बड़ई करणा छाता हाँ, काँके मूँ थाँका वाँ “मोटाऊँ मोटा खन्दाया तका चेलाऊँ” की कणी भी बात में कम ने हूँ।