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वणा वींने जवाब दिदो, “कई थूँ भी गलील को हे? सास्तर में देक अन होद के, गलीलऊँ कुई भी परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो परगट ने वेबावाळो हे।”
पछे ईसू जेतुन का मंगरा पे पराग्या।
तद्याँ एक-दूजाऊँ हिक लेन, जाँज में बेट्या अन वीं आपणाँ-आपणाँ घरे पराग्या।