51 “आपणी मूसा का नेमा में कणी भी मनक की जद्याँ तईं वींकी पेल्याँ हुण ने लेवे अन हमज ने लेवे के, वो कई करे हे। वतरे वींने दोसी ने बणायो जावे हे।”
तद्याँ पोलुस वींऊँ क्यो, “परमेसर थने मारी, हे चुनाऊँ ढोळी तकी भींत। थूँ वेवस्ता के जस्यान मारो न्याव करबा ने बेटो हे, पण मने मारबा की आग्या देन वेवस्ता ने तोड़रियो हे?”