5 काँके वींका भई भी वींको विस्वास ने करता हा।
अबाणू तईं ईसू मनकाँ की भीड़ऊँ बाताँ कररियो हो, तद्याँ वाँकी बई अन भई बारणे ऊबा हा अन वाँकाऊँ बाताँ करणा छाता हा।
जद्याँ वाँका परवार का लोगाँ यो हुण्यो, तो वीं वाँने लेबा निकळग्या, काँके कुई मनकाँ क्यो के, वींको मन ठाणे कोयने हे।
ईंका केड़े जद्याँ वींका भई तेवार में पराग्या, तो वो भी छानो-मानो वटे परोग्यो।
ईं वाते ईसू का भई वणीऊँ क्यो, “थूँ अटेऊँ यहूदियाँ परदेस परोजा, ताँके ज्यो काम थूँ करे हे, वींने थने मानबावाळा भी देक सके।
यद्याँ कुई भी मनक प्रसिद वेणो छावे तो वो छुपन कई ने करे। थूँ यो काम करे हे, तो आपणाँ खुद ने दनियाँ का हामे परगट कर।”